Tu Na Mera
मैं सोचता हूँ क्या है तू मेरा
जो भी है सच है क्या है ख्वाब सा
पहचानते हैं जानते नहीं
मिलते हैं कहने को तो रोजाना
तेरे लिए मैं तो हूँ बेगाना
खुद से कहता रहता
तू ना मेरा तू ना मेरा
तू ना मेरा तू ना मेरा
रहने दे ना
तू ना मेरा तू ना मेरा
फिर क्यूँ मिले है
मुझे हर जगह पे ऐसे तू
तू ना मेरा तू ना मेरा
तू ना मेरा तू ना मेरा
रहने दे ना
तू ना मेरा तू ना मेरा
फिर क्यूँ मिले है
मुझे हर जगह पे ऐसे तू
नींद में रहती हैं आँखें आधी आधी
होश भी रहता है थोड़ा सा
देर तक रहती हैं रातें जागी जागी
में सुबह हु जाके अब सोता
जा रहा ये दिल किधर
मुझसे होके बेखबर
मुझे सब है पता
क्या है मुझको हुआ मगर
खुद से कहता रहता
तू ना मेरा तू ना मेरा
तू ना मेरा तू ना मेरा
रहने दे ना
तू ना मेरा तू ना मेरा
फिर क्यूँ मिले है
मुझे हर जगह पे ऐसे तू
तू ना मेरा तू ना मेरा
तू ना मेरा तू ना मेरा
रहने दे ना
तू ना मेरा तू ना मेरा
फिर क्यूँ मिले है
मुझे हर जगह पे ऐसे तू
जब तू नहीं मेरा
जब तू नहीं मेरा
जब तू नहीं मेरा
फिर क्यूँ मिले है
मुझे हर जगह पे ऐसे तू
जब तू नहीं मेरा
जब तू नहीं मेरा
जब तू नहीं मेरा
फिर क्यूँ मिले है
मुझे हर जगह पे ऐसे तू
ना खीच के इस कदर मुझे पास ला
रहने दे बाकी ज़रा सा तो फासला
डरता हूँ तुझपे फ़िदा हुआ तो कहीं
खुद का ही ना भूल जाऊं मैं रास्ता
जा रहा ये दिल किधर
हाथ मेरा छोड़ कर
मुझे सब है पता
क्या है मुझको हुआ मगर
जब तू नहीं मेरा
जब तू नहीं मेरा
जब तू नहीं मेरा
फिर तेरे बारे में क्यूँ सोचता ही रहता हूँ
तू ना मेरा तू ना मेरा
तू ना मेरा तू ना मेरा
रहने दे ना
तू ना मेरा तू ना मेरा
फिर क्यूँ मिले है
मुझे हर जगह पे ऐसे तू
तू ना मेरा तू ना मेरा
तू ना मेरा तू ना मेरा
रहने दे ना
तू ना मेरा तू ना मेरा
फिर तेरे बारे में
क्यूँ सोचता ही रहता हूँ