Befikar
मेरा दिल मेरी जान
मुजसे ना छूपा
चाहत कर दे बयां
मेरे दिल का क्या
दिल में है बात मेरी
जो बसी वो
केह ना सका में
तुमसे कभी जो
देना है दिल अब
बस ये तुमि को
चाहत मेरी अबसे तुम्ही हो
कैस भुला दू सारी वो बाते
ख़ुश भी हू तो तेरे सहारे
सोये न अब हम कितनी ही राते
पाया है तुझको अब ये जहान में
ख्वाबो मैं तुझसे मिलती रहा
चाह के भी केह ना सका
तेरे बीना क्या वजूद मेरा
होना नही कभी तुझसे जुदा
बेफिकर हो गया
मैं किधर खो गया
इश्क की राहों में
अब तू मिल गया
बेफिकर हो गया
मैं किधर खो गया
इश्क की राहों में
अब तू मिल गया
हां
मेरा दिल मेरी जान
मुजसे ना छूपा
चाहत करदे बयां
मेरे दिल का क्या
हां
जानु में सब कुच जो तू चुपाए
मेरे अलावा सबको बताए
प्यार से हक मुजपे जो जताये
ना जाने क्यूं इतना तू सताये
मेरी ये धड़कनें बेसबर है
शायद तुझको भी न खबर है
मेरे लीये तू कितना अलग है
तेरी ही चाहत की भी समझ है
ख्वाबों में तुझसे मिलाती रही
चाह के भी कुछ के ना सकी
जो आज भी मेन तुझमे हू बसी
जन न अब तू दूर कहिन
बेफिकर हो गया
मैं किधर खो गया
इश्क की राहों में
अब तू मिल गया
बेफिकर हो गया
मैं किधर खो गया
इश्क की राहों में
अब तू मिल गया
हां