Apni Mehfil Men Phir Ek Baar
Jan Nishar Akhtar, Sajjad Hussain
अपनी महफ़िल में फिर इक बार
चला आने दे अपनी महफ़िल में
फिर इक बार चला आने दे
तेरी महफ़िल की
बहारों को नहीं छोड़ू गा
तेरे टूटे हुए
तारों को नहीं छोड़ू गा
अपनी महफ़िल में फिर इक बार
चला आने दे
कोई आँसू
मेरी पलकों से नहीं टूटेगा
तेरे फूलों का हसीन रंग
नहीं छूटेगा अपनी महफ़िल में
फिर इक बार चला आने दे
डूब जो जाए डूब जो जाए
शिकायत ना करूँगा तुझसे
तू कहेगी तो
मोहब्बत ना करूँगा तुझसे
अपनी महफ़िल अपनी महफ़िल में
फिर इक बार चला आने दे