Aaj Ki Raat
आज की रात भी गुज़री है मेरी कल की तरह
आज की रात भी गुज़री है मेरी कल की तरह
हाथ आए ना सितारे तेरे आँचल की तरह
आज की रात
रात जलती हुई इक ऐसी चीता है जिस पर
रात जलती हुई इक ऐसी चीता है जिस पर
तेरी यादें हैं सुलगते हुए सॅंडल की तरह
हाथ आए ना सितारे तेरे आँचल की तरह
आज की रात
तू तो दरिया है मगर मेरी तरह प्यासा हैं
तू तो दरिया है मगर मेरी तरह प्यासा हैं
मैं तेरे पास चला अवँगा बादल की तरह
हाथ आए ना सितारे तेरे आँचल की तरह
आज की रात
मैं हूँ इक खाब मगर जागती आँखों का यमीर
मैं हूँ इक खाब मगर जागती आँखों का यमीर
आज के लोग गमतिनाम मुझे कल की तरह
हाथ आए ना सितारे तेरे आँचल की तरह
आज की रात भी गुज़री है मेरी कल की तरह
आज की रात