Kuchh Tabiyat Hi
कुच्छ तबीयत ही मिली थी आएसी
कुच्छ तबीयत ही मिली थी आएसी
चैन से जीने की सूरत ना हुई
जिसको चाहा उसे अपना ना सके
जो मिला उससे मोहब्बत ना हुई
कुच्छ तबीयत ही मिली थी आएसी
जिसे जब तक मिले दिल ही से मिले
जिसे जब तक मिले दिल ही से मिले
दिल जो बदला तो फसानाबदला
फसाना बदला
रस्मे दुनिया को निभाने के लिए
हुंसे रिश्तो की इज़रत ना हुई
जिसको चाहा उसे अपना ना सके
जो मिला उससे मोहब्बत ना हुई
कुच्छ तबीयत ही मिली थी आएसी
चैन से जीने की सूरत ना हुई
जिसको चाहा उसे अपना ना सके
जो मिला उससे मोहब्बत ना हुई
कुच्छ तबीयत ही मिली थी आएसी
डोर से था वो चेहरो में
डोर से था वो चेहरो में
पास से कोई भी वैसा
ना लगा वैसा ना लगा
बेवफ़ाई भी उसी का था चलन
फिर किसी से शिकायत ना हुई
जिसको चाहा उसे अपना ना सके
जो मिला उससे मोहब्बत ना हुई
कुच्छ तबीयत ही मिली थी आएसी
चैन से जीने की सूरत ना हुई
कुच्छ तबीयत ही मिली थी आएसी
कुच्छ तबीयत ही मिली थी आएसी
वक़्त रूठा रहा बच्चें की तरह
वक़्त रूठा रहा बच्चें की तरह
राह में कोई काहिलौनाना मिला
काहिलौना ना मिला
दोस्ती की तो निभाई ना गयी
दुश्मनी में भी बग़ावत हुई
जिसको चाहा उसे अपना ना सके
जो मिला उससे मोहब्बत ना हुई
कुच्छ तबीयत ही मिली थी आएसी
चैन से जीने की सूरत ना हुई
जिसको चाहा उसे अपना ना सके
जो मिला उससे मोहब्बत ना हुई
कुच्छ तबीयत ही मिली थी आएसी