Phir Se Dil Toota
बे आसरा क्यू भटके आए दिल
अब राह मिलना मुश्किल है दिल
ना कोई खिड़की ना कोई दर
अब घर का बनना मुश्किल है दिल
जो चले थे संग थे हुंसफर
वो बिछड़ बिछड़ गये कही
जो मिले थे रंग उद्दे बेफिकर
वो बिखर बिखर गये
क्या पता किधर गये
हाथों से छूटा रे
फिर से दिल टूटा रे
कैसे मैं दिल को बसाऊँ
टुकड़े टुकड़े खुद के
कैसे फिर जोड़ूँ रे
कैसे मैं दिल को मनाऊ
वो जो चाँद तेरे लिए था बना
जो ज़मीन पे तेरे लिए था बसा
वो जो खवाब तेरे लिए था बुना
खो गया, दर बा दर हो गया
हां जो चले थे संग थे हुंसफर
वो बिछड़ बिछड़ गये कही
जो मिले थे रंग उद्दे बेफिकर
वो बिखर बिखर गये
क्या पता किधर गये
ओह हाथों से छूटा रे
फिर से दिल टूटा रे
कैसे मैं दिल को बसाऊँ
टुकड़े टुकड़े खुद के
कैसे फिर जोड़ूँ रे
कैसे मैं दिल को मनाऊ