Andekhe Rang
कितने अनदेखे रंग
छूता है मेरा मन
छूता है मेरा मन
इन नए रंगो को अंगुलियों से
आँखे मूंदे जो हम
लगता उड़ने लगे
लगता उड़ने लगे
लेके पर हम हसीं तितलियों से
हम बदले से है
या नशा सा है
क्या.. हुआ.. है ना पता
ज़रा ज़रा हम से पीछे
होने लगा ये जहाँ
ज़रा ज़रा खुद से नीचे
होने लगा आसमां
ज़रा ज़रा हम से पीछे
होने लगा ये जहाँ
ज़रा ज़रा खुद से नीचे
होने लगा आसमां
ओ
सांसो का आना जाना है ज़िन्दगी
हमें ना बिताने के ये ज़िंदगानी रश्मो
हर दिन को ऐसे जीना है टूटके
ऐसे जीना है लम्हा दर लम्हा
फिर लम्हा हर लम्हा वि जश्न हो
ये आज़ादियाँ
भा रही दिल को
क्या हुआ है ना पता
ज़रा ज़रा हम से पीछे
होने लगा ये जहाँ
ज़रा ज़रा खुद से नीचे
होने लगा आसमां
ज़रा ज़रा हम से पीछे
होने लगा ये जहाँ
ज़रा ज़रा खुद से नीचे
होने लगा आसमां
ज़रा ज़रा हम से पीछे
होने लगा ये जहाँ
ज़रा ज़रा खुद से नीचे
होने लगा आसमां
ओ