Raat Ki Hatheli Par

Akhtar Javed, Anu Malik

रात की हथेली पर, चाँद जगमगाता है
रात की हथेली पर, चाँद जगमगाता है
उसकी नर्म किरणों में
तुमको देखता हूँ तो
दिल धड़क सा जाता है
दिल धड़क सा जाता है

रात की हथेली पर, चाँद जगमगाता है

तुम कहाँ से आई हो
किस नगर को जाओगी
तुम कहाँ से आई हो
किस नगर को जाओगी
सोचता हूँ मैं हैरान
चाँद जैसा ये चेहरा
रात जैसी ये जुल्फें
है जगाएं सौ अरमान
एक नशा सा आँखों में, धीरे-धीरे छाता है

रात की हथेली पर,चाँद जगमगाता है
उसकी नर्म किरणों में
तुमको देखता हूँ तो
दिल धड़क सा जाता है
दिल धड़क सा जाता है
रात की हथेली पर,चाँद जगमगाता है

मेरी इस तन्हाई में
मेरे इस वीराने में
मेरी इस तन्हाई में
मेरे इस वीराने में
रंग लेके तुम आई
फिर भी सोचता हूँ मैं
क्या यहाँ तुम सचमुच हो
या हो सिर्फ परछाई
ख्व़ाब जैसा बनता है और टूट जाता है

रात की हथेली पर,चाँद जगमगाता है
रात की हथेली पर,चाँद जगमगाता है
उसकी नर्म किरणों में
तुमको देखता हूँ तो
दिल धड़क सा जाता है
दिल धड़क सा जाता है
रात की हथेली पर,चाँद जगमगाता है

Curiosità sulla canzone Raat Ki Hatheli Par di Udit Narayan

Chi ha composto la canzone “Raat Ki Hatheli Par” di di Udit Narayan?
La canzone “Raat Ki Hatheli Par” di di Udit Narayan è stata composta da Akhtar Javed, Anu Malik.

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