Khoobsurat
खूबसूरत है वो इतना सहा नही जाता
कैसे हम खुद को रोक ले रहा नही जाता
खूबसूरत है वो इतना सहा नही जाता
कैसे हम खुद को रोक लें रहा नही जाता
चाँद में दाग है ये जानते है हम लेकिन
रात भर देखे बिना उसको रहा नही जाता
खूबसूरत है वो इतना सहा नही जाता
जो मेरा हो नही पाएगा इस जहाँ में कही
रूह बन कर मिलूँगा उसको आसमान में कही
प्यार धरती पर फरिश्तों से किया नही जाता
खूबसूरत है वो इतना सहा नही जाता
उन निगाहो में मोहब्बत नही तो कहो और क्या है
पर वो मुझसे ये कह रहा वो किसी और का है
ज़रा सा झूठ भी ढंग से कहा नही जाता
खूबसूरत है वो इतना सहा नही जाता
आँख में क़ैद किए बैठा मैं एक हसी लम्हा
जब मैं इस नींद से जगूंगा तो दिल टूटेगा
वो मुझे ख्वाब कोई क्यूँ दिखा नही जाता
खूबसूरत है वो इतना सहा नही जाता