Dheemen Kadmon Se [Studio]
SURAJ JAGAN
धीमे कदमो से चलता है ये कल मेरा
खींचे हर पल करे परेशान
आँधियो से गुज़रता है पल मेरा
बांधे हर पल करे परेशान
नैनो में छुपे थे सितारे
नही दिखते ये अब है कहा
खाली है नदी के किनारे
चलता पानी दिशा ले जाती जहा
खाबो को पिघलाता है जो
यादो को सहलाता है
कोनो में जम जाता है ये
शीशो में बह जाता है
रेत सा है फिसलता ये कल मेरा
खींचे हर पल करे परेशान
बारीशो मे है सूखा ये कल मेरा
बांधे मुझको करे परेशान
गलियो में चमकते नज़ारे
रहते थे ये अब है कहा
पतझड़ यादो को सवारे
बहता झोका नही है मांझी मेरा
खाबो को पिघलाता है जो
यादो को सहलाता है
कोनो में जम जाता है ये
शीशो में बह जाता है