Andekhi
अनदेखी राहों में
कसके मुझे बाहों में ले कर चलो
खोयी मैं रहूं तेरे साये में
दिल की तहखानों में
या आसमानो में ले कर चलो
खोयी मैं रहूं तेरी बाँहों में
तेरी रागों मैं भी नसों मैं भी
नशा है तेरा मेरा बहकना
ना रोको मुझे तुम
अपने लबों से भीगा डालो
हम तुमको फिरसे मिले ना मिले ऐसे
मेरी पनाहों में बाहों मैं
निकले है दम मेरा
तेरा सताना यूं अच्छा लगे क्यूँ
छू कर मुझको जला डालों
हम तुमको फिरसे मिले ना मिले ऐसे
बारिश सा मेरे बदन पे तू
खुदको बरसने दे
मुझसे लिपटने दे
मेरे गीले से मन को तू
थोड़ा मचलने दे
थोड़ा तड़पने दे
मेरी रगो में भी नासो में भी
नशा है तेरा मेरा बहकना
ना रोको मुझे तुम
अपने लबों से भीगा डालो
हम तुमको फिरसे मिले ना मिले ऐसे
मेरी पनाहों में बाहों मैं
निकले है दम मेरा
तेरा सताना यूं अच्छा लगे क्यूँ
छू कर मुझको जला डालों
हम तुमको फिरसे मिले ना मिले ऐसे
रातें क्यों रेत सी सरकी
आ थाम ले इनको आ बांध ले इनको
इक इक पल तेरे तसुवर में
पूरा जिए अब तो पूरा मिटे अब तो
तेरी रागों मैं भी नसों मैं भी
नशा है तेरा मेरा बहकना
ना रोको मुझे तुम
अपने लबों से भीगा डालो
हम तुमको फिरसे मिले ना मिले ऐसे
मेरी पनाहों में बाहों मैं
निकले है दम मेरा
तेरा सताना यूं अच्छा लगे क्यूँ
छू कर मुझको जला डालों
हम तुमको फिरसे मिले ना मिले ऐसे