Ishqe Di Doriyan
आँखों के आईने पे
किसी की तस्वीर बसी है
हाथों की लकीरों में
जो तक़दीर लखी है
एक कोई ख़ास है
जो करीब है दिल के
बातों में जिसके
ज़िक्र हर कहीं है
हर कहीं है
हर कहीं है
मैने पलकों में
तुमको बसा लिया.
तिनके को जोड़ कर
आशियाँ बना लिया
वो दरमियाँ हमारे
चाहतें बिखर गयी
यादों के पन्नो पर
उनको सज़ा दिया
इशक़े दी डोरियाँ
बंध जावे सोणेआ
इशक़े दी डोरियाँ
बाँध जावे सोणेआ
तुझमे सफ़र मै
करता हू रोज़ इस क़दर
ऊऊओ
तुजको तलाशे ही क्यूँ
हर तरफ मेरी नज़र
वूऊ
क्यूँ बात मेरी तुझसे हो ही ना सकी
क्यूँ बात मेरी तुझसे हो ही ना सकी
क्या थी वजह हाए
मेरी सारी हसरतें
तुझसे शुरू हुई
जीने की चाहतों को
तूने पनाह दिया
वो दरमियाँ हुमारे
चाहतें बिखर गयी
यादों के पन्नो पर
उनको सज़ा दिया
इशक़े दी डोरियाँ
बाँध जावे सोणेआ सोणेआ सोणेआ
इशक़े दी डोरियाँ डोरियाँ
बाँध जावे सोणेआ सोणेआ सोणेआ
इशक़े दी डोरियाँ
हा हा बाँध जावे सोणेआ
इशक़े दी डोरियाँ
तेरे होने से होना मेरा है
तू ही रूह और जिस्म मेरा है
यह कैसा असर चढ़ा मुझ पे
ओह रे सोणेआ
रस्तें सब मुझसे खफा है
मिलता अब सुकून कहाँ है
जब हाथों में हाथ ना हो तेरा
ओह रे सोणेआ