Saans [Reprise]
Bhupinder Gulzar, A R RAHMAN, GULZAR
तुमको देख के यु लगता है कोई बिछड़ा ख्वाब आया है
बरसो लम्बी रात से गुजरे सुबह का झोका लौट आया है
बहुत देर जागी बहुत दूर आई ख्वाब ने छोड़ी ना मेरी कलाई
कब से मेरी सांस रुकी थी मुझे सांस आई
मुझे सांस आई मुझे सांस आई
सांस में तेरी सांस मिली तो मुझे सांस आई
मुझे सांस आई मुझे सांस आई