Albeliya

kailaash kher

कोई पर्दा कोई गलत
मेरी ही आंखों में
मारे मारे है ताना
मारे मारे है ताना

जब झिझकी जब
काँपे होठों की जोड़ी
तो मैंने हाँ मैंने जाना
मैंने मैंने आ जाना

मैं तो आज़ादी में
भी कैद हो गई
मेरे अलबेलिया तू खेलिया
मैं तो आज़ादी में
भी कैद हो गई
मेरे अलबेलिया तू खेलिया
अलबेलिया वे तू खेलिया
बदला है शीशा या मैं
हो गई नयी
मेरे अलबेलिया तू खेलिया
अलबेलिया वे तू खेलिया

हा
हा
मैं जो दुनिया का
चेहरा निहारु
उनको ही पाउन
पर वो जब भी
मेरी और देखें
चेहरा छुपाऊँ हाँ
ख़्वाबों में
हर मेरे ख़ुदा
रंग भर रहे हैं
उनका जूनून और मेरी
जान एक कर रहे हैं
हाय लूटने में कितना
मज़ा है कैसे बताऊँ

देखूं खुद को तो
जैसे और है कोई
मेरे अलबेलिया तू खेलिया
देखूं खुद को तो
जैसे और है कोई
मेरे अलबेलिया तू खेलिया
अलबेलिया वे तू खेलिया
झूटी मैं झूटी ठहरी
तू सही सही
मेरे अलबेलिया तू खेलिया
अलबेलिया वे तू खेलिया

अलबेलिया
अलबेलिया(हा)
अलबेलिया
तू खेलिया(हा)
तू खेलिया
अलबेलिया(अलबेलिया)
तू खेलिया(तू खेलिया)
तू खेलिया

Curiosità sulla canzone Albeliya di Shreya Ghoshal

Chi ha composto la canzone “Albeliya” di di Shreya Ghoshal?
La canzone “Albeliya” di di Shreya Ghoshal è stata composta da kailaash kher.

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