Gehraiyaan
भाई कहाँ है कैसी है
तेरा तो कुछ पता ही नहीं है भाई
सही है बेटे बंदे में ही busy रह तू
अबे मेरी बात सुन
Seedhe Maut is coming this weekend
तो अपन लोग चल मिले क्या
भाई मम्मी तो मना ही करती हैं
अभी भी पता नहीं क्या बोल रही हैं
But लेकिन मिलते हैं यार
हूँ मुझे भी बहुत पसंद है
Ok then see you
You text risabh ok
मैं बाकियों को बताती हूँ
खो दू खुदको या खोजू खुदको
मैं रहा डूब अभी
मदद है डोर कही
है पानी फेफड़ो मे
केकड़ो से जूज रहे
मे गया कूद
वो पीछे कूद गयी
आयेज जो हुआ है वो
ज़्यादा कुछ माशूर नही
चल अब पास आ
तोड़ा बोहोट, तोड़ा बोहोट, तोड़ा बोहोट
थोड़ी मुलाकात, मुलाकात, मुलाकात
थोड़ी खुराफात, खुराफात, खुराफात
तोड़ा चल अब पास, चल अब पास, चल अब पास
एक से दस मे वो बीस
सांसो मे बॅस चीज़
है वो ऐसी जो आँखें नाम्म करे
एक से दस मे वो
एक से दस मे वो
100 जले कितने (यॅ!)
जो चले 100 जाने मुड़ने (100)
क्या करे 100 खड़े घुटने (क्या)
टेकने को राज़ी पर आख़िर मे
चूतिया ही चुनना है, शौक भी हैं कितने (बोहोट)
मा बाप बोले फ़ौजी हैं कितने (वो)
क्या करे और भी है दिल मे (ऊ)
कहने को काफ़ी पर आख़िर मे चूतिया ही
ध्यान से कोमल ये रयी सी बस
खाल मे घुसती हुई सुई ये लफ्ज़
तूमे जो बोलू गर चुबे तो छ्चोड़ूं पर
चाहिए भी तुम्हे है लूयिस ही बस
मई लू ही नस काट
खर्चो पे खर्चे नही इतनी औकात
कभी वो घुले ना कभी जो खुले ना
ऐसी ना मारने देगी वो गात
ये जो रोने लगी पीछे तेरे आज
पता चला कल गयी काट
तुझे लगे बाला तेरी टॉल गयी
पता चला कल कही देखा उससे
और कोई साथ तेरी जल गयी झाट
ये च्चल नही जाग
कर मेहनत और बाकचा कुछ नही
ये नही तू कल नयी ताक
अब तुझपे बस तू है और सर्की जुए
था बाकी जो वाकाई वो कर गयी पार
मैं रहा डूब अभी
मदद है डोर कही
है पानी फेफड़ो मे
केकड़ो से जूज रहे
मे गया कूद
वो पीछे कूद गयी
आयेज जो हुआ है वो
ज़्यादा कुछ माशूर नही
चल अब पास आ
तोड़ा बोहोट, तोड़ा बोहोट, तोड़ा बोहोट
थोड़ी मुलाकात, मुलाकात, मुलाकात
थोड़ी खुराफात, खुराफात, खुराफात
तोड़ा चल अब पास, चल अब पास, चल अब पास
एक से दस मे वो बीस
सांसो मे बॅस चीज़
है वो ऐसी जो आँखें नाम्म करे
एक से दस मे वो
एक से दस मे वो
जान!
वो ह्यूम जानते नही है
हा मेरे दोस्त जानते है मुझको
तेरे दोस्त जानते है तुझको
पर वो ह्यूम जानते नही है
उन्हे अंदाज़ा नही है
अकेला तेरा साथ कितना घुल मिल
मई जाता खुल मई जाता
तेरे लिए धुन बजता था
अब वो बात किसी चीज़ मे नही है
देखा सब कुछ– पैसा, शौहरत
शो पे शो हो वो या
होए जो सब कुछ दे सके
छानन्द घंटो की है खुशी ये
मई फिर कल परसो तक हुंगा वैसा ही
शांत, साथ मे है तन्हाई
पर शुक्रा है
तुझसे कोई गीला शिकवा नही
अगर तू ज़िंदगी मे ना आती
तो इस चीज़ मे दो राय नही
की मैं डूब जाता
वो प्यार था एहसान नही
वो घर था मकान नही
वो साँस थी हवा नही
ना दिल है दिमाग़ नई
बस एक हीर थी, वो पास नही
अब वापसी की आस नही
मैं डूब जौंगा
खो दू खुदको या खोजू खुदको