Mujh Mein Wafaa Ki
NAZIR, QATEEL SHIFAI
मुझ में वफ़ा की रोशनिया भर गया कोई
मुझ में वफ़ा की रोशनिया भर गया कोई
रोशन मुझे दिए की तरह कर गया कोई
मुझ में वफ़ा की रोशनिया भर गया कोई
मुझ में वफ़ा की रोशनिया
आया था मेरे पास अंधेरा पहेंके वो
आया था मेरे पास अंधेरा पहेंके वो
फिर चाँदनी की ओधके चादर गया कोई
मुझ में वफ़ा की रोशनिया भर गया कोई
मुझ में वफ़ा की रोशनिया
सुनती है धड़कने मेरी कुछ खुश्बू की जेया
सुनती है धड़कने मेरी कुछ खुश्बू की जेया
कैसे अभी अभी यहाँ आकर गया कोई
मुझ में वफ़ा की रोशनिया भर गया कोई
मुझ में वफ़ा की रोशनिया
देकर क़तील एक पुरानी गाज़ल की गान
देकर क़तील एक पुरानी गाज़ल की गान
एक बार फिर से मुझ को जवान कर गया कोई
मुझ में वफ़ा की रोशनिया भर गया कोई
मुझ में वफ़ा की रोशनिया भर गया कोई
रोशन मुझे दिए की तरह कर गया कोई
मुझ में वफ़ा की रोशनिया भर गया कोई
मुझ में वफ़ा की रोशनिया