Meri Mohabbat
आज रो रो के कहता है दिल मेरा
मेरे खुद के भी बस में ना दिल मेरा
दिल से हुक निकले ऐसी
तुझ तक जो पहुँच जाए
खुदा करे तू जो छ्चोड़ के जाए
मेरी मोहब्बत तुझे रुलाए
खुदा करे तू जो छ्चोड़ के जाए
मेरी मोहब्बत तुझे रुलाए
ख्वाबों में तेरी आकर तुझको रूलौँगा
बर्बाद करके तुझको मैं सुकून पौँगा
आ आ
बारीशों के हर मौसम में तुझे याद आउगा
आँखों में बूंदे बनके तुझमे रह जाउगा
बेचैन करने वाले
चैन तुझको कभी ना आए
खुदा करे तू जो छोड़ के जाए
मेरी मोहब्बत तुझे रुलाए
खुदा करे तू जो छोड़ के जाए
मेरी मोहब्बत तुझे रुलाए
छीन कर मेरी ख़ुसीयन तू खुश ना रह पाएगी
बेवफा तू दर दर की ठोकरे ही खाएगी
आ आ
दिल किसी का यून जलके चैन कैसे पाएगी
खुद लगाई आग में तू खुद ही जल जाएगी
तड़प के रूह मेरी कहे
तू कहीं ना चैन पाए
खुदा करे तू जो छोड़ के जाए
मेरी मोहब्बत तुझे रुलाए
खुदा करे तू जो छोड़ के जाए
मेरी मोहब्बत तुझे रुलाए