Dhoop Aaane Do [Unplugged]

Gulzar

हम्म हम्म
उधेड़ा है हम ने बहुत जमी को
कमर तोड़ी है दरियो की हम ने
पहाड़ो को धकेला है
जमी बूढी न हो जाये इसे करवट बदलने दो
धूप आने दो
धूप आने दो
धूप आने दो
धूप आने दो
मीठी मीठी है बहुत
खूबसूरत है
उजली रोशन है जमीं
गुड़ की ढेली है
गहरी सी सहमी हवा
उतरी है इस पर
लगेना धुंध से हटकर जरा से
एक और ठहरो
धूप आने दो
धूप आने दो
धूप आने दो
धूप आने दो

आफताब उठेगा तो
किरणों से छानेगा वो
गहरी गहरी नीली हवा में
रोशनी भर देगा वो
मीठी हमारी जमीं
बीमार ना हो
हट के बैठो जरा
हटके जरा थोड़ी जगह तो दो
धूप आने दो
धूप आने दो
धूप आने दो
ना धूप आने दो

Curiosità sulla canzone Dhoop Aaane Do [Unplugged] di Rekha Bhardwaj

Chi ha composto la canzone “Dhoop Aaane Do [Unplugged]” di di Rekha Bhardwaj?
La canzone “Dhoop Aaane Do [Unplugged]” di di Rekha Bhardwaj è stata composta da Gulzar.

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