Jai Nagri Ayodhya (Aarti)
जय नगरी अयोध्या
रमणीय यह सुवोध्या
हम विनय सहित माता
उतारी तेरी आरती
हम विनय सहित माता
उतारे तेरी आरती
माता मंगलकारी तेरी महिमा है भारी
जगधारक रघुवर को ह्रदय में तू धारती
हम विनय सहित माता
उतारे तेरी आरती
अवधपुरी की आरती
भवसागर से तारती
रामलला की तू कुलदेवी
सुर, नर, मुनि सब तेरे सेवी
राम ने तेरी आरती गाई बारम-बार
राम ने तेरी आरती गाई बारम-बार
तेरे आँचल में सजे सिया-राम सरकार
तेरे आँचल में सजे सिया-राम सरकार
जय नगरी अयोध्या
रमणीय यह सुवोध्या
हम विनय सहित माता
उतारे तेरी आरती
हम विनय सहित माता
उतारे तेरी आरती
अवधपुरी की आरती
भवसागर से तारती
दशरथ अरु दशरथ के नंदन
हम करे सबका आरती वंदन
माँ कौशल्या, मात सुमित्रा और कैकेई मात
माँ कौशल्या, मात सुमित्रा और कैकेई मात
होता तेरे आँगना इन सबसे साक्षात
होता तेरे आँगना इन सबसे साक्षात
माता मंगलकारी तेरी महिमा है भारी
जगधारक रघुवर को ह्रदय में तू धारती
हम विनय सहित माता
उतारे तेरी आरती
अवधपुरी की आरती
भवसागर से तारती
सरयू सरिता सरस सुहावन
तन करे कुंदन, मन करे पावन
जल समाधी लेकर यहाँ बसे राम भगवान
जल समाधी लेकर यहाँ बसे राम भगवान
सरयूजी की आरती करती सुफल प्रदान
सरयूजी की आरती करती सुफल प्रदान
जय नगरी अयोध्या
रमणीय यह सुवोध्या
हम विनय सहित माता
उतारे तेरी आरती
हम विनय सहित माता
उतारे तेरी आरती
माता मंगलकारी तेरी महिमा है भारी
जगधारक रघुवर को ह्रदय में तू धारती
हम विनय सहित माता
उतारे तेरी आरती
अवधपुरी की आरती
भवसागर से तारती
हम विनय सहित माता
उतारे तेरी आरती
हम विनय सहित माता
उतारे तेरी आरती