Har Koi Hai Yahan Bas Nithur Niyat Ke Haathon Ka Khilona [Part 2]
गृह मे वन मे जानकी संग देखे जीवन के वीविध रंग
जो वैदेही मोर भरोसे ताकि रक्षा भाई ना मोसे
हर पल सोचे हृदय वीयोगी जाने वो किस हाल मे होगी
केवल वन वन ही भटकाया कोई सुख ना उसे दे पाया
नही पाने के दुख से अधिक है,नही पाने के दुख से अधिक है
दुस्सह पाकर खोना हर कोई है यहा बस नीठुर नियती के हाथो का खिलौना
कोई न जाने जीवन के किस मोड़ पे कब क्या होना आ आ
हर कोई है यहा बस नीठुर नियती के हाथो का खिलौना
कोई न जाने जीवन के किस मोड़ पे कब क्या होना आ आ
हर कोई है यहा बस नीठुर नियती के हाथो का खिलौना
कोई क्या जाने जीवन के किस मोड़ पे कब क्या होना आ आ
हर कोई है यहा बस नीठुर नियती के हाथो का खिलौना