Har Koi Hai Yahan Bas Nithur Niyat Ke Haathon Ka Khilona [Part 1]
K. J. Yesudas, Mobina, Mohan Sithara
दमकी डरावे दामिनी आवे झंझावान
ओट नही आशय नही सिर पर है बरसात
नही मिथिला नही अवधपुर नही अपनो का संग
जीवन तेरे चित्र के बिखर गये सब रंग
हर कोई है यहा बस पर नीठुर नियती के हाथो का खिलौना
हर कोई है यहा बस पर नीठुर नियती के हाथो का खिलौना
कोई ना जाने जीवन के किस मोड़ पे कब क्या होना
हर कोई है यहा बस पर नीठुर नियती के हाथो का खिलौना
मन यादो का झूला झूले
बीता कल एक पल ना भूले
पुष्प वाटिका का वह परिचय
दृष्टि मिलन हृदयो का विनीमय