Angad Ne Kahin Dekho Nahi Aiso Raja Asabhya
K. J. Yesudas, K. S. Chithra
अंगद ने कही देखो नहीं ऐसो राजा असभ्य अनीति कुषाशन
तीनों लोक के राजा के दूत को बैठन को नहीं देत जो आसन
आग लगी अंगद के अंग मे सुन अभिमान भरे संभासन
पुछ बिना कही पुछ न होती सो डारी लियों निज पुछ को आसन
डारी लियों निज पुछ को आसन