Zabaan Jale Hai

GULZAR, VISHAL BHARADWAAJ

ना बोलू मैं तो
कलेजा फूँके
ना बोलू मैं तो
कलेजा फूँके
जो बोल डून तो
ज़बान जले है
सुलग ना जावे
अगर सुने वो
सुलग ना जावे
अगर सुने वो
जो बात मेरी
ज़बान तले है
ना बोलू मैं तो
कलेजा फूँके
जो बोल डून तो
ज़बान जले है

लगे तो फिर
यूँ के रोग लागे
ना साँस आवे
ना साँस जावे
लगे तो फिर
यूँ के रोग लागे
ना साँस आवे
ना साँस जावे
यह इश्क़ है
नामुराद ऐसा
यह इश्क़ है
नामुराद ऐसा
के जान लेवे
तभी तले है

हमारी हालत
पे किट्ता रोव है
आसमान भी
तू देख लीजो
हमारी हालत पे
किट्ता रोव है
आसमान भी तू
देख लीजो
के सूर्ख हो जावे
उसकी आँखें
के सूर्ख हो जावे
उसकी आँखें
जैसे जैसे यह
दिल ढले है
ना बोलू मैं तो
कलेजा फूँके
जो बोल दू तो
ज़बान जले है

Curiosità sulla canzone Zabaan Jale Hai di Rahat Fateh Ali Khan

Chi ha composto la canzone “Zabaan Jale Hai” di di Rahat Fateh Ali Khan?
La canzone “Zabaan Jale Hai” di di Rahat Fateh Ali Khan è stata composta da GULZAR, VISHAL BHARADWAAJ.

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