Dil Ka Mizaaj Ishqiya
रुक रुक के कहते है, झुक झुक के रहते है
रुक रुक के कहते है, झुक झुक के रहते है
दिल का मिज़ाज इश्क़िया, दिल का मिज़ाज इश्क़िया
तन्हा है लोगो मे, लोगो मे तन्हाई
दिल का मिज़ाज इश्क़िया, दिल का मिज़ाज इश्क़िया
छोटे भी खाए और गुनगुनाए
ऐसा ही था ये, ऐसा ही है ये
मस्ती मे रहता है मस्ताना सौदाई
दिल का मिज़ाज इश्क़िया, दिल का मिज़ाज इश्क़िया
शर्मीला शर्मीला पर्दे मे रहता है
दर्डो के छ्होंके भी चुपके से सहता है
निकलता नही है गली से कभी
निकल जाए तो दिल भटक जाता है
अरे बच्चा है आख़िर बाहेक जाता है
ख्वाबो मे रहता है बचपन से हरजाई
दिल का मिज़ाज इश्क़िया, दिल का मिज़ाज इश्क़िया
गुस्से मे बलखाना, गैरो से जल जाना
मुश्क़िल मे आए तो वाडो से ताल जाना
उलझने की इसको यू आदत नही
मगर बेवफा री शराफ़त नही
ये जज़्बाती हो के च्चालक जाता है
इश्क़ मे होती है थोड़ी सी गरमाई
दिल का मिज़ाज इश्क़िया, अरे दिल का मिज़ाज इश्क़िया
रुक रुक के इश्क़िया, झुक झुक के इश्क़िया
रुक रुक के कहते है, कहते है
झुक झुक के रहते है, रहते है
इश् इश् इश्क़िया इश्क़िया इश्क़िया