Woh Ladki Jab Ghar Se
चाहे रात का कोई पल हो
कौन यहा सोता है हुंगमा होता है
चाहने वालो की एक भीड़ सी
साथ में चलती है
वो लड़की जब
वो लड़की जब घर से निकलती है
वो लड़की जब घर से निकलती है
चाहने वालो की एक भीड़ सी
साथ में चलती है
वो लड़की जब
वो लड़की जब घर से निकलती है
देखने वालो के होतो से
दुआ निकलती है
वो लड़की जब
वो लड़की जब घर से निकलती है
वो लड़की जब घर से निकलती है
ज़ुलफ जो खुल जाए
ज़ुलफ जो खुल जाए
मौसम को खुसबु से भर देगी
दीवाना कर देगी
दीवाना कर देगी
देखने वेल फिसल जाए
देखने वेल फिसल जाए
वो ऐसे संभालती है
वो लड़की जब
वो लड़की जब घर से निकलती है
वो लड़की जब घर से निकलती है
रास्ते में वो मिल जाए तो
रास्ते में वो मिल जाए तो
ऐसे घबराती है
अंजन नज़र आती है
अंजन नज़र आती है
कोई ना उसके पास आए
कोई ना उसके पास आए
रंग ऐसा बदलती है
वो लड़की जब
वो लड़की जब घर से निकलती है
वो लड़की जब घर से निकलती है
ख़ाली पाँव भी निकले तो
ख़ाली पाँव भी निकले तो
पायल सी खनक उठती है, रात चमक उठती है
पायल सी खनक उठती है, रात चमक उठती है
जहाँ-जहाँ से वो गुज़रे
जहाँ-जहाँ से वो गुज़रे इक शम्मा सी जलती है
वो लड़की जब
वो लड़की जब घर से निकलती है
वो लड़की जब घर से निकलती है
चाहने वालों की एक भीड़ सी साथ में चलती है
वो लड़की जब
वो लड़की जब घर से निकलती है
वो लड़की जब घर से निकलती है
वो लड़की जब घर से निकलती है