Kuch Nasha To Aapki Baat Ka Hai
कुछ नशा तो आपकी बात का है
कुछ नशा तो धीमी बरसात का है
कुछ नशा तो आपकी बात का है
कुछ नशा तो धीमी बरसात का है
हूमें आप यूँही शराबी ना कहिए
इश्स दिल पे असर तो
आपकी मुलाकात का है
कुछ नशा तो आपकी बात का है
तू हक़ीकत हैं जो लगता हैं ख़यालो की तरह
फूल की खुसबूकी बादल की मिसालो की तरह
कोई भी वक़्त हो रहता हैं उजलो की तरह
दिन में हैं रोशनी और चंदा मेरी रात का है
कुछ नशा तो आपकी बात का है
कुछ नशा तो धीमी बरसात का है
नाम जो मेरा कभी आया तेरी बातो में
चाँदनी फैल गई जैसे मेरी रातो में
आ गया जब से तेरा हाथ मेरे हाथो में
दर्र ना अब मुझको ज़माने का ना हालत का है
कुछ नशा तो आपकी बात का है
कुछ नशा तो धीमी बरसात का है
अब यहीं सोच हैं बस तेरे लिए ही सोचु
शेर में जो भी लिखूं तेरे लिए ही लिखूं
ना तुझे देखने दूं ना और किसकी को देखूं
अब तो बस एक ही सपना
मेरे दिन रात का है
कुछ नशा तो आपकी बात का है
कुछ नशा तो धीमी बरसात का है
हूमें आप यूँही शराबी ना कहिए
इश्स दिल पे असर तो
आपकी मुलाकात का है
कुछ नशा तो आपकी बात का है
कुछ नशा तो धीमी बरसात का है