Bekhudi
देखाली बेखुदी कुच्छ आज नही
एक मुद्दत से वो निज़ाज़ नही
हुँने अपनी सिकी बहोट लेकिन
मर्ज़े इश्क़ का इलाज़ नही
बेखुदी ले गयी कहाँ हुमको
बेखुदी ले गयी कहाँ हुमको
देर से इंतज़ार हैं अपना
बेखुदी ले गयी कहाँ हुमको
रोते फिरते हैं सारी सारी रात
रोते फिरते हैं सारी सारी रात
अब यहीं रोजगा हैं अपना
बेखुदी ले गयी कहाँ हुमको
देके दिल ने हम जो हो गये मजबूर
देके दिल ने हम जो हो गये मजबूर
किसने क्या इकतियार हैं अपना
बेखुदी ले गयी कहाँ हुमको
जिसको तुम आसमान कहते हो
जिसको तुम आसमान कहते हो
सो दीनो का वो बात हैं अपना
बेखुदी ले गयी कहाँ हुमको
बेखुदी ले गयी कहाँ हुमको
देर से इंतज़ार हैं अपना
बेखुदी ले गयी कहाँ हुमको