Phir Se Mausam Bahaaron Ka

Pamela Singh

फिर से मौसम बहारों का आने को हैं
फिर से मौसम बहारों का आने को हैं
फिर से रंगीन ज़माना बदल जाएगा
अब के बाज़में चरगा सजाएँगे हम
अब के बाज़में चरगा सजाएँगे हम
ये भी अरमान दिल का निकल जाएगा
फिर से मौसम बहारों का आने को हैं

फीकी फीकी से क्यूँ शामे मैखना हैं
लुफ्ट पी साक़ी भी कम खाली पैमाना हैं
फीकी फीकी से क्यूँ शामे मैखना हैं
लुफ्ट पी साक़ी भी कम खाली पैमाना हैं
अपनी नॅज़ारो ही से कुच्छ पीला दीजिए
अपनी नॅज़ारो ही से कुच्छ पीला दीजिए
रंग महफ़िल का खुद ही बदल जाएगा
फिर से मौसम बहारों का आने को हैं

आज़माएँगे अपने मुक़द्दर को हम
करके बयान दस्ताने आलम
आज़माएँगे अपने मुक़द्दर को हम
करके बयान दस्ताने आलम
हो ना हो हम पे उनकी निगाहे करम
हो ना हो हम पे उनकी निगाहे करम
दिल का अरमान तो अपने निकल जाएगा
फिर से मौसम बहारों का आने को हैं

आप कर्दे जो मुझपे निगाहे करम
मेरी उलफत का रह जाएगा कुच्छ भरम
आप कर्दे जो मुझपे निगाहे करम
मेरी उलफत का रह जाएगा कुच्छ भरम
ये फसाना तो मेरा रहेगा यूँही
ये फसाना तो मेरा रहेगा यूँही
सिर्फ़ उर्वान इसका बदल जाएगा
फिर से मौसम बहारों का आने को हैं

आपने दिल जो ज़ाहिद का तोड़ा तो क्या
आपने उसकी दुनिया को छ्चोड़ा तो क्या
आपने दिल जो ज़ाहिद का तोड़ा तो क्या
आपने उसकी दुनिया को छ्चोड़ा तो क्या
आप इतने तो आख़िर परेशान ना हो
आप इतने तो आख़िर परेशान ना हो
वो संभालते संभालते संभाल जाएगा
फिर से मौसम बहारों का आने को हैं
फिर से रंगीन ज़माना बदल जाएगा
अब के बाज़में चरगा सजाएँगे हम
ये भी अरमान दिल का निकल जाएगा
फिर से मौसम बहारों का आने को हैं

Curiosità sulla canzone Phir Se Mausam Bahaaron Ka di Pamela Singh

Quando è stata rilasciata la canzone “Phir Se Mausam Bahaaron Ka” di Pamela Singh?
La canzone Phir Se Mausam Bahaaron Ka è stata rilasciata nel 2009, nell’album “Khazana '85 ( Live )”.

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