Theher Jaa
Ashish Bhatia
मैं ज़मीन और तू बादलों की तरह
चाहूं मैं बस तुझे पागलों की तरह
शाम की दीवार पे धूप से लिखा तुझे
तू पढ़े अगर इसे, चैन आए मुझे
तू साथ है तो मैं तेरी आँखों में डूब जाऊं
ज़रा ठहर जा
तू साथ है तो मैं और तेरे क़रीब आऊँ
ज़रा ठहर जा ठहर जा, हाँ
वो-ओह-ओह
ठहर जा, हाँ ठहर जा, हाँ
वो-ओह-ओह, ठहर जा, हन -हन
दिल में तेरी याद ऐसे, काग़ज़ पे हो नज़्म जैसे
लूँ तेरे बिन साँस कैसे? तू बता ज़रा
कोई ना आँखों में आया, तू रूह में यूँ समाया
तो क्यूँ लगे टू पराया? तू बता ज़रा
तू साथ है तो मैं तेरी आँखों में डूब जाऊं
ज़रा ठहर जेया
तू साथ है तो मैं और तेरे क़रीब आऊँ
ज़रा ठहर जा
ठहर जा, हाँ
वो-ओह-ओह, ठहर जा, हाँ
ठहर जा, हाँ
वो-ओह-ओह, ठहर जा, हाँ
ठहर जा
वो-ओह-ओह