Is Shaane Karam Ka [Qawali]

ANAND BAKSHI, NUSRAT FATEH ALI KHAN

हाँ आ आ आ आ

नवाज़ता है जो सबको
वो दिल नवाज़ है तू
नियाज़-मंद हैं सब
और बिनीयाज़ है तू
जमाने भर के बनाता है सारे गड़े काम
करीम सारे ज़माने का कारसाज़ है तू

इस शाने करम का क्या कहना
इस शाने करम का क्या कहना
दर पे जो स्वाली आते हैं
इस शाने करम का क्या कहना
दर पे जो स्वाली आते हैं

इक तेरी करीमी का सदका
इक तेरी करीमी का सदका

वो मन की मुरादें पाते हैं

इक तेरी करीमी का सदका
वो मन की मुरादें पाते हैं

इस शाने करम शाने करम का क्या कहना

इस शाने करम शाने करम का क्या कहना
इस शाने करम

खाली ना रही रहमत से तेरी
खाली ना रही रहमत से तेरी
दुख दर्द के मारों की झोली
दुख दर्द के मारों की झोली
क्या तेरा करम है दर पे तेरे
क्या तेरा करम है दर पे तेरे
भरती है हज़ारों की झोली

शाने करम का क्या कहना
इस शाने करम शाने करम का क्या कहना

मुश्किल को तू आसान बना देता है
मुश्किल को तू आसान बना देता है
हर उँचाई उमीद खिला देता है
हर उँचाई उमीद खिला देता है
तक़दीर से हो जाए जो भाई से जुड़ा उस भाई को भाई से मिला देता है

शाने करम का क्या कहना
इस शाने करम,का क्या कहना

दिन रात है मंगतो का फेरा
दिन रात है मंगतो का फेरा

पा मा गा मा गा गा गा सा सा नि ना पा
पा मा गा मा गा गा गा सा सा नि ना पा (धी नि ना पा सा सा)
पा मा गा मा गा गा गा सा सा नि ना पा (धी नि ना पा सा सा)
पा मा गा मा गा गा गा सा सा नि ना पा
धिन ढा धिन ढा धिन ढा धिन ढा (पा मा गा मा गा गा गा सा सा नि ना पा)
सा सा नि ना पा सा सा नि ना पा सा सा नि ना पा (पा मा गा मा गा गा गा सा सा नि ना पा)

दिन रात है मंगतो का फेरा
दिन रात है मंगतो का फेरा
क्या खूब सखी है दर्द तेरा
क्या खूब सखी है दर्द तेरा
मिलती है करम की भीख उन्हे
मिलती है करम की भीख उन्हे
दामन जो यहाँ फैलाते है
मिलती है करम की भीख उन्हे
दामन जो यहाँ फैलाते है
मिलती है करम की भीख उन्हे

इस दर की सखावत क्या कहिए
इस दर की सखावत क्या कहिए

ग ग ग ग ग नि शा
ग ग ग ग ग नि शा
ग ग ग ग ग नि शा
ग ग ग ग ग नि शा

इस दर की सखावत क्या कहिए
इस दर की सखावत क्या कहिए
पक्के रिश्ते तेरी रहमत से जो बन जाते हैं
पक्के रिश्ते तेरी रहमत से जो बन जाते हैं
कच्चे धागे से बँधे लोग चले आते हैं
कच्चे धागे से बँधे लोग चले आते हैं
तू मिला देता है बिछड़े हुए इंसानों को
तू मिला देता है बिछड़े हुए इंसानों को
तेरे अंदाज़-ए-करम शान ये दिखलते हैं
इस दर की सखावत क्या कहिए
इस दर की सखावत क्या कहिए
खाली ना गया मंगतो कोई
खाली ना गया मंगतो कोई
मोहताज़ यहाँ जो आते हैं
मोहताज़ यहाँ जो आते हैं
वो झोलिया भरके जाते है

मोहताज़ यहाँ जो आते हैं
वो झोलिया भरके जाते है
इस शाने करम का क्या कहना

इस शाने करम का क्या कहना (हाँ आ आ आ आ)
इस शाने करम का क्या कहना (हाँ आ आ आ आ)
इस शाने करम का क्या कहना (हाँ आ आ आ आ)
इस शाने करम का क्या कहना (हाँ आ आ आ आ)
इस शाने करम का क्या कहना (हाँ आ आ आ आ)
इस शाने करम का क्या कहना (हाँ आ आ आ आ)
इस शाने करम का क्या कहना (हाँ आ आ आ आ)
इस शाने करम का क्या कहना (हाँ आ आ आ आ)
इस शाने करम का क्या कहना (हाँ आ आ आ आ)

Curiosità sulla canzone Is Shaane Karam Ka [Qawali] di Nusrat Fateh Ali Khan

Chi ha composto la canzone “Is Shaane Karam Ka [Qawali]” di di Nusrat Fateh Ali Khan?
La canzone “Is Shaane Karam Ka [Qawali]” di di Nusrat Fateh Ali Khan è stata composta da ANAND BAKSHI, NUSRAT FATEH ALI KHAN.

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