Zikra Hota Hai Jab

ANAND BAKSHI, DAAN SINGH

ज़िक्र होता है जब क़यामत का
तेरे जलवों की बात होती है
तू जो चाहे तो दिन निकलता है
तू जो चाहे तो रात होती है

तुझको देखा है मेरी नज़रों ने
तेरी तारीफ़ हो मगर कैसे
के बने यह नज़र ज़ुबाँ कैसे
के बने यह जुबां नज़र कैसे
न ज़ुबान को दिखाई देता है
न निगाहों से बात होती है
ज़िक्र होता है जब क़यामत का
तेरे जलवों की बात होती है

तू निगाहों से न पिलाए तो
अश्क़ भी पीने वाले पीते है
वैसे जीने को तो तेरे बिन भी
इस ज़माने में लोग जीते है
ज़िन्दगी तो उसी को कहते है
जो गुज़र तेरे साथ होती है
ज़िक्र होता है जब क़यामत का
तेरे जलवों की बात होती है

Curiosità sulla canzone Zikra Hota Hai Jab di Mukesh

Chi ha composto la canzone “Zikra Hota Hai Jab” di di Mukesh?
La canzone “Zikra Hota Hai Jab” di di Mukesh è stata composta da ANAND BAKSHI, DAAN SINGH.

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