Na Chand Ho Na Suraj Ho
ना चाँद हो ना सूरज हो
ना तुम तारे हो
फिर भी तुम्ही लगते
सब से प्यारे हो
ना चाँद हो ना सूरज हो
ना तुम तारे हो
फिर भी तुम्ही लगते
सब से प्यारे हो
ना चाँद हो ना सूरज हो
ना तुम तारे हो
है अंगडाया लचकी
लचकी लाली है
यह आँखे है या के
छलकी छलकी प्याली है
फिर भी इनका पैमाना
क्यू खाली है
ना चाँद हो ना सूरज हो
ना तुम तारे हो
फिर भी तुम्ही लगते
सब से प्यारे हो
ना चाँद हो ना सूरज हो
ना तुम तारे हो
है रात निकलती तेरे
काले बालो से
आती है सुबा की लाली
तेरे गालो से
कौन हो क्या हो पूछो
हम दिल वालो से
ना चाँद हो ना सूरज हो
ना तुम तारे हो
फिर भी तुम्ही लगते
सब से प्यारे हो
ना चाँद हो ना सूरज हो
ना तुम तारे हो
यह चाल है या बिजली
लहराती जाती है
हर एक अदा मस्ताना
बनता जाती है
आज ना जाने इस
क़यामत आती है
ना चाँद हो ना सूरज हो
ना तुम तारे हो
फिर भी तुम्ही लगते
सब से प्यारे हो
ना चाँद हो ना सूरज हो
ना तुम तारे हो