Yeh Daman Ab Na Chhutega Kabhi
ये दामन अब ना छूटेगा कभी चाहे खफा तुम हो
ये दामन अब ना छूटेगा कभी चाहे खफा तुम हो
कहाँ जाऊँ के मेरी ज़िंदगी का आसरा तुम हो
ये दामन अब ना छूटेगा
उसीने दुख दिया जिसको पुकारा मेरी आहो ने
उन्ही से जख्म पाए जिनको देखा इन निगाहों ने
मसीहा मेरे अब इन सारे जख्मों की दवा तुम हो
कहाँ जाऊँ के मेरी ज़िंदगी का आसरा तुम हो
ये दामन अब ना छूटेगा
मैं सर से पाँव तक अपने ही अश्को मे नहाई हूं
लरजते काँपते दिल से तुम्हारे पास आई हूं
छूपा लो अपनी बाहो मे मेरे गम आशना तुम हो
कहाँ जाऊँ के मेरी ज़िंदगी का आसरा तुम हो
ये दामन अब ना छूटेगा कभी