Ye Bekasi Ke Andhere
ये बेकसी के अंधेरे ज़रा तो ढलने दे
ये बेकसी के अंधेरे ज़रा तो ढलने दे
बुझा ना दे मेरे दिल का चिराग जलने दे
बुझा ना दे मेरे दिल का चिराग जलने दे
हो ये बेकसी के अंधेरे ज़रा तो ढलने दे
खुद अपनी आग मे जलना मेरा मुक़द्दर है
खुद अपनी आग मे जलना मेरा मुक़द्दर है
में एक शम्मा हू आ
में एक शम्मा हू पल-पल मुझे पिघलने दे
ये भटकी भटकी जवानी ये डगमगाए कदम
ये भटकी भटकी जवानी ये डगमगाए कदम
संभल तो जाऊ ज़माना अगर संभलने दे
बुझा ना दे मेरे दिल का चिराग जलने दे
हो ये बेकसी के अंधेरे ज़रा तो ढलने दे
न सुन सके तो यही ख़त्म ज़िक्र-ए-ग़म कर दू
न सुन सके तो यही ख़त्म ज़िक्र-ए-ग़म कर दू
जो सुन सके तो मेरी दासता में चलने दे
बुझा ना दे मेरे दिल का चिराग जलने दे
हो ये बेकसी के अंधेरे ज़रा तो ढलने दे