Woh Dekho Jala Ghar Kisi Ka [Classic Revival]

Madan Mohan, Raja Mehdi Ali Khan

वो देखो जला घर किसी का
वो देखो जला घर किसी का
ये टुटे है किस के सितारे
वो किस्मत हंसी और ऐसे
हंसी के रोने लगे गम के मारे
वो देखो जला घर किसी का
ये टुटे है किस के सितारे
वो किस्मत हंसी और ऐसे हंसी
के रोने लगे गम के मारे
वो देखो जला घर किसी का

गया जैसे झोंका हवा का
हमारी ख़ुशी का ज़माना
दिए हमको क़िस्मत ने आंसू
जब आया हमें मुस्कुराना
बिना हमसफ़र है सूनी डगर
किधर जाए हम बेसहारे
वो देखो जला घर किसी का

है राहें कठिन दूर मंज़िल
ये छाया है कैसा अन्धेरा
की अब चाँद-सूरज भी मिलकर
नहीं कर सकेंगे सवेरा
घटा छाएगी बहार आएगी
ना आएँगे वो दिन हमारे
वो देखो जला घर किसी का

इधर रो रही है आँखे
उधर आसमान रो रहा है
मुझे कर के बरबाद ज़ालिम
पशेमान अब हो रहा है
ये बरखा कभी तो रुक जाएगी
रुकेगे ना आँसू हमारे
वो देखो जला घर किसी का
ये टूटे है किस के सितारे
वो किस्मत हंसी और ऐसे
हंसी के रोने लगे गम के मारे
वो देखो जला घर किसी का

Curiosità sulla canzone Woh Dekho Jala Ghar Kisi Ka [Classic Revival] di Lata Mangeshkar

Chi ha composto la canzone “Woh Dekho Jala Ghar Kisi Ka [Classic Revival]” di di Lata Mangeshkar?
La canzone “Woh Dekho Jala Ghar Kisi Ka [Classic Revival]” di di Lata Mangeshkar è stata composta da Madan Mohan, Raja Mehdi Ali Khan.

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