Tabiyat Thik Thi Aur Dill Bhi Beqarar Na Tha

Sahrai, Verma Malik, Prem Dhawan

तबीयत ठीक थी और दिल भी बेकार न था
तबीयत ठीक थी और दिल भी बेकार न था
ये तब की बात है के जब किसी से प्यार न था
तबीयत ठीक थी और दिल भी बेकरार न था
ये तब की बात है के जब किसी से प्यार न था

न थी बेचानियां बेटाबियां और गम नहीं था
कोई महबूब ना था कोई भी हमदम नहीं था
किसी की याद न थी और इंतजार न था
ये तब की बात है के जब किसी से प्यार न था
तबीयत ठीक थी और दिल भी बेकरार न था
ये तब की बात है के जब किसी एस

किसी पराए की बातों में ये मिठास न थी
मेरे पे आस दिल को तो कोई भी आस ना थी
किसी के झूठे वादे पे भी ऐतबार न था
ये तब की बात है के जब किसी से प्यार न था

मेरी निंदों की दुनिया में किसी के सपने ना थे
जहां के दर्द और दुख भी मेरे अपने ना थे
मेरा दिल ठंडी आह का कभी शिकार ना था
ये तब की बात है के जब किसी से प्यार ना था
तबीयत ठीक थी और दिल भी बेकार न था
तबीयत ठीक थी और दिल भी बेकार न था
ये तब की बात है के जब किसी से प्यार ना था

Curiosità sulla canzone Tabiyat Thik Thi Aur Dill Bhi Beqarar Na Tha di Lata Mangeshkar

Chi ha composto la canzone “Tabiyat Thik Thi Aur Dill Bhi Beqarar Na Tha” di di Lata Mangeshkar?
La canzone “Tabiyat Thik Thi Aur Dill Bhi Beqarar Na Tha” di di Lata Mangeshkar è stata composta da Sahrai, Verma Malik, Prem Dhawan.

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