Sapne Hain Sapne

Ravi, Rajinder Krishnan

सपने है सपने कब हुये अपने
आँख खुली अरे टूट गए
सपने है सपने कब हुये अपने
आँख खुली अरे टूट गए
अंधियारे के थे यह मोती
भोर भई और फुट गए
सपने है सपने कब हुये अपने

भोर की डोरी से बाँधी है
जाने किसने रात की चोली
भोर की डोरी से बाँधी है
जाने किसने रात की चोली
जीवन के आँगन मैं दुख सुख
निस दिन खेले आँख मिचौली
निस दिन खेले आँख मिचौली
सपने है सपने कब हुये अपने
आँख खुली और टूट गए
सपने है सपने कब हुये अपने

दिन डूबा तो शाम हसेंगी
शाम गयी तो रात हसेंगी
दिन डूबा तो शाम हसेंगी
शाम गयी तो रात हसेंगी
रोक ले आँख से बहता आँसू
बह निकला बरसात हसेंगी
बह निकला बरसात हसेंगी
सपने है सपने कब हुए अपने
आँख खुली और टूट गए
अंधियारे के थे ये मोती
भोर भई और फुट गए
सपने है सपने कब हुये अपने

Curiosità sulla canzone Sapne Hain Sapne di Lata Mangeshkar

Chi ha composto la canzone “Sapne Hain Sapne” di di Lata Mangeshkar?
La canzone “Sapne Hain Sapne” di di Lata Mangeshkar è stata composta da Ravi, Rajinder Krishnan.

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