Sanjh Ho Gayi Prabho

Bharat Vyas

सांझ हो रही प्रभु
तुम्हीं प्रकाश दो
प्रकाश दो प्रकाश दो
सांझ हो रही प्रभु
तुम्हीं प्रकाश दो
इस निराहते हृदय को आस दो
प्रभु तुम्ही प्रकाश दो
सांझ हो रही प्रभु
तुम्हीं प्रकाश दो प्रकाश दो

ज़िंदगी की नाव ये लिए
हमे किधर चली
राह ढूंढ़ती हुई
भंवर मे आज घिर चली
झिलमिला रहा हृदय
नयन की पुतलियाँ हिली
आँसुओ की धार आज
बादलो सी झार चली
भीख माँगते नयन
भीख माँगते नयन
इन्हे सुहास दो
इस निराहते हृदय को आस दो
प्रभु तुम्ही प्रकाश दो
सांझ हो गयी प्रभु
तुम्ही प्रकाश दो
प्रकाश दो प्रकाश दो

मिला कही ना चैन है
कटी कही ना रैन है
मिला कही ना चैन है
कटी कही ना रैन है
सिवा रुदन के आज तक
सुने ना मधुर बाईं है
बुझा हुआ प्रकाश दीप
पाँव लड़खड़ा रहे
कुछ भी सुझता नही
अंधेरे ऐसे छ्छा रहे
प्राण ये पुकारती
प्राण ये पुकारती
तुम्ही विकास दो
इस निराश काँपते हृदय को आस दो
प्रभु तुम्ही प्रकाश दो
सांझ हो गयी प्रभु
तुम्ही प्रकाश दो
प्रकाश दो प्रकाश दो

Curiosità sulla canzone Sanjh Ho Gayi Prabho di Lata Mangeshkar

Chi ha composto la canzone “Sanjh Ho Gayi Prabho” di di Lata Mangeshkar?
La canzone “Sanjh Ho Gayi Prabho” di di Lata Mangeshkar è stata composta da Bharat Vyas.

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