Rut Beqarar Hai [Classic Revival]
रुत बेक़रार है
शाम ए बहार है
तू जरा पास आ मैं तुझे
दिल की धड़कन सुनो (आ)
रुत बेक़रार है
शाम ए बहार है
ऐसे में औ मई पास तो
दूर फीर जा न पाऊँ
हो रुत बेक़रार है
ये सब नज़ारे
फूल बादल हवा
तू इनसे कहदे
फेर ले सब निगाह
आ आ देखे न कोई
भी जब तुझे
मैं गले से लगाओ (आ)
हो रुत बेक़रार है
शाम ए बहार है
ऐसे में औ मई पास तो
दूर फीर जा न पाऊँ (हो)
रुत बेक़रार है
तूने कहानी छेड़
दी है मगर
मेरी शरम से
झुक गयी है नजर
आ तू जरा दूर जा मैं तुझे
बात दिल की सुनो
रुत बेक़रार है
क्या हो जो दुनिआ
रूठ जाये कभी
देके अँधेरे है (देके अँधेरे है)
छिन ले रौशनी (छिन ले रौशनी)
आ आ
आ आ
क्या हुआ बनके मैं
चांदनी
रात भर जगमगाउ (ओ)
रुत बेक़रार है
रुत बेक़रार है
शाम ए बहार है
शाम ए बहार है
तू जरा पास आ मैं तुझे
दिल की धड़कन सुनो (ओ)
रुत बेक़रार है (रुत बेक़रार है)
शाम ए बहार है (शाम ए बहार है)