Rasm-E-Ulfat Ko Nibhaye

Naqsh Lyallpuri, Madan Mohan

रस्म ए उलफत को निभाए
तो निभाए कैसे
रस्म ए उलफत को निभाए
तो निभाए कैसे
हर तरफ आग है दामन
को बचाए कैसे
हर तरफ आग है दामन
को बचाए कैसे
रस्म ए उलफत को निभाए

दिल की राहो में उठाते
है जो दुनिया वाले
दिल की राहो में उठाते
है जो दुनिया वाले
कोई केह दे के वो
दीवार गिराए कैसे
कोई केह दे के वो
दीवार गिराए कैसे
रस्म ए उलफत को निभाए

दर्द में डूबे हुए
नगमे हज़ारो है मगर
दर्द में डूबे हुए
नगमे हज़ारो है मगर
साज़ ए दिल टूट गया
हो तो सुनाए कैसे
साज़ ए दिल टूट गया
हो तो सुनाए कैसे
रस्म ए उलफत को निभाए

बोझ होता जो गमो का
तो उठा भी लेते
बोझ होता जो गमो का
तो उठा भी लेते
ज़िंदगी बोझ बनी हो
तो उठाए कैसे
ज़िंदगी बोझ बनी हो
तो उठाए कैसे
रस्म ए उलफत को निभाए
तो निभाए कैसे
रस्म ए उलफत को निभाए

Curiosità sulla canzone Rasm-E-Ulfat Ko Nibhaye di Lata Mangeshkar

Chi ha composto la canzone “Rasm-E-Ulfat Ko Nibhaye” di di Lata Mangeshkar?
La canzone “Rasm-E-Ulfat Ko Nibhaye” di di Lata Mangeshkar è stata composta da Naqsh Lyallpuri, Madan Mohan.

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