O Maa Teri Mamta Ko Mere Ansoo
औ मा औ मा औ मा
ओ मा तेरी ममता को मेरे आँसू पुकारे
ओ मा तेरी ममता को मेरे आँसू पुकारे
तेरे बिना बिगड़ी को बता कैसे सवारे
ओ मा तेरी ममता को मेरे आँसू पुकारे
छाया चारो और अंधेरा
जाने कब होगा सवेरा
अन्याय की बिजली काड़की
उजड़ा पंछी का बसेरा
दर दर की ठोकर खाती
दुख दर्द मे सहती जाती
आब मे जौ कहा अकेली
जब बिछड़ गया मेरा साथी
तेरी ही शरण आए जो सब और से हारे
ओ मा तेरी ममता को मेरे आँसू पुकारे
औ मा औ मा
कैसे संकट की घड़ी है
मेरे सर पे आन पड़ी है
तुज बिन आब कों उभारे
मेरे नाव भावर मे अड़ी है
अपना ये अनुपम नाता
जिसे कोई तोड़ ना पता
बेटी जब नीर बहाए
क्या रो पड़ेगी माता
हम तो पड़े विपदा मे
तुजको निहारे
ओ मा तेरी ममता को मेरे आँसू पुकारे
औ मा औ मा