Na Koi Umang Hai [Version 1]

ANANDSHI BAKSHI, R D Burman

ना कोई उमंग है ना कोई तरंग है
मेरी ज़िंदगी है क्या इक कटी पतंग है
ना कोई उमंग है ना कोई तरंग है
मेरी ज़िंदगी है क्या इक कटी पतंग है
ना कोई उमंग है

आकाश से गिरी मैं इक बार कट के ऐसे
आकाश से गिरी मैं इक बार कट के ऐसे
दुनिया ने फिर ना पूछा दुनिया ने फिर ना पूछा
लूटा है मुझको कैसे
ना किसी का साथ है ना किसी का संग है
मेरी ज़िन्दगी है क्या इक कटी पतंग है
ना कोई उमंग है
लग के गले से अपने बाबुल के मैं ना रोई
आ आ ओ
लग के गले से अपने बाबुल के मैं ना रोई
डोली उठी यूँ जैसे डोली उठी यूँ जैसे
अर्थी उठी हो कोई
यही दुःख तो आज भी मेरा अंग संग है
मेरी ज़िन्दगी है क्या इक कटी पतंग है

सपनों के देवता क्या तुझको करूँ मैं अर्पण
सपनों के देवता क्या तुझको करूँ मैं अर्पण
पतझड़ की मैं हूँ छाया पतझड़ की मैं हूँ छाया
मैं आँसुओं का दर्पण
यही मेरा रूप है यही मेरा रँग है
मेरी ज़िन्दगी है क्या इक कटी पतंग है
ना कोई उमंग है

Curiosità sulla canzone Na Koi Umang Hai [Version 1] di Lata Mangeshkar

Chi ha composto la canzone “Na Koi Umang Hai [Version 1]” di di Lata Mangeshkar?
La canzone “Na Koi Umang Hai [Version 1]” di di Lata Mangeshkar è stata composta da ANANDSHI BAKSHI, R D Burman.

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