Mat Samjho Nir Bahati Hoon
मत समझो नीर बहाती हू
मैं जलते जल की बूँदो से
नैनों की प्यास बुझती हू
मत समझो नीर बहाती हू
मुझे रोने से क्या काम सखी
इन आँसुवन मे है श्याम सखी
इन आँसुवन मे है श्याम सखी
नैनो मे बसाकर उनकी च्चवि
मैं मन ही मन मुस्काती हू
मत समझो नीर बहाती हू
यह आँसू दिल के सहारे हैं
यह आँसू जान से प्यारे हैं
यह आँसू जान से प्यारे हैं
में इन तकदीर के तारो से
सोए हुए भाग जगाती हू
मत समझो नीर बहाती हू
हर आँसू मे उनकी मूरत है
मिलने की यही एक सूरत है
हर आँसू मे उनकी मूरत है
मिलने की यही एक सूरत है
पलकों पे सजाकर आँसुवन को
में पी के दर्शन पाती हू
मत समझो नीर बहाती हू
में जलते जल की बूँदो से
नैनों की प्यास बुझती हू
मत समझो नीर बहाती हू