Lo Aa Gayi Unki Yaad [Classic Revival]

Ravi, Shakeel Badayuni

लो आ गयी उनकी याद
वो नहीं आये
लो आ गयी उनकी याद
वो नहीं आये

दिल उन को ढूंढता है
ग़म का सिंगार कर के
आँखें भी थक गयी हैं
अब इंतज़ार कर के
आँखें भी थक गयी हैं
अब इंतज़ार कर के
इक साँस रेह गयी है
वो भी ना टूट जाए
लो आ गयी उनकी याद
वो नहीं आये

रोती हैं आज हम पर
तनहाइयाँ हमारी
रोती हैं आज हम पर
तनहाइयाँ हमारी
वो भी ना पाये शायद
परछाइयां हमारी
बढ़ते ही जा रहे हैं
मांयूसियों के साये
लो आ गयी उनकी याद
वो नहीं आये

लौ थरथरा रही है
अब शम-ए-ज़िन्दगी की
उजड़ी हुई मोहब्बत
मेहमाँ है दो घडी की
उजड़ी हुई मोहब्बत
मेहमाँ है दो घडी की
मर कर ही अब मिलेंगे
जी कर तो मिल न पाये
लो आ गयी उनकी याद
वो नहीं आये
लो आ गयी उनकी याद
वो नहीं आये

Curiosità sulla canzone Lo Aa Gayi Unki Yaad [Classic Revival] di Lata Mangeshkar

Chi ha composto la canzone “Lo Aa Gayi Unki Yaad [Classic Revival]” di di Lata Mangeshkar?
La canzone “Lo Aa Gayi Unki Yaad [Classic Revival]” di di Lata Mangeshkar è stata composta da Ravi, Shakeel Badayuni.

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