Lawangi Mirchi
सुनिए
मै जिस शहर मे जाती हू
कहते है शहर के लोग
अरे सारे शहर को लग जाता है मेरे प्रेम का रोग
कहता था ये एक पागल खाने का पहरेदार
ओ ओ ओ
अरे तेरे आशिक भरे है अंदर पागल है दो चार
आ आ आ आ
ओ बच के रहना
फिर ना कहना
लऊंगी मिर्ची मै कोल्हापुर की
लग गयी तो मुश्किल होगी
हो लऊंगी मिर्ची मै कोल्हापुर की
लग गयी तो मुश्किल होगी
सी सी करते फ़िरोगे जी जी
सी सी करते फ़िरोगे जी
लग गयी तो मुश्किल होगी
लऊंगी मिर्ची मै कोल्हापुर की
लग गयी तो मुश्किल होगी
लऊंगी मिर्ची मै कोल्हापुर की
लग गयी तो मुश्किल होगी
सी सी करते फ़िरोगे जी जी
सी सी करते फ़िरोगे जी
लग गयी तो मुश्किल होगी
हो लऊंगी मिर्ची मै कोल्हापुर की
दाह जी वाह
लग गयी तो मुश्किल होगी हा
ऐसी तिखट मै ऐसी करारी
कुछ मत पूछो बात
इक बाबू ने पकड़ लिया था
एक दिन रस्ते मे हाथ
ऐसी तिखट मै ऐसी करारी
कुछ मत पूछो बात
इक बाबू ने पकड़ लिया था
एक दिन रस्ते मे हाथ
बेचारे की छुट्टी हो गयी
बेचारे की छुट्टी हो गयी
ऐसा हो गया हाल
लोग उठा के ले गये उसको सीधा हस्पताल
ओ बच के रहना (आ हा )
फिर ना कहना फिर ना कहना
लऊंगी मिर्ची मै कोल्हापुर की
दाह जी वाह
लग गयी तो मुश्किल होगी
लऊंगी मिर्ची मै कोल्हापुर की
पाउ नर
लग गयी तो मुश्किल होगी हा
बड़े बडो के छक्के छूटे
सुन कर मेरा नाम
आते जाते करते है सब
दूर से मुझे सलाम
बड़े बडो के छक्के छूटे
सुन कर मेरा नाम
आते जाते करते है सब
दूर से मुझे सलाम
एक गली का लड़का मुझसे
एक गली का लड़का मुझसे
कर बैठा था प्रीत
आज तलक़ गाता फिरता
गलियो मे यही गीत
ओ बच के रहना
फिर ना कहना
लऊंगी मिर्ची मै कोल्हापुर की
पाउ नर
लग गयी तो मुश्किल होगी
हो लऊंगी मिर्ची मै कोल्हापुर की
दाह जी वाह
लग गयी तो मुश्किल होगी हा
वैसे तो मै शर्मीली हू
लेकिन मेरे हज़ूर मिर्ची मिर्ची होती है
नही होती कोई खजूर
वैसे तो मै शर्मीली हू
लेकिन मेरे हज़ूर मिर्ची मिर्ची होती है
नही होती कोई खजूर
भूल से एक दीवाना मेरा
भूल से एक दीवाना मेरा
दिल बैठा था हार
वही है बैठा था
जहा पे मैंने तोड़ी उसकी टाँग
ओ बच के रहना (हो)
फिर ना कहना फिर ना कहना
हो लऊंगी मिर्ची मै कोल्हापुर ली
पाउ नर
लग गयी तो मुश्किल होगी
लऊंगी मिर्ची मै कोल्हापुर ली
लग गयी तो मुश्किल होगी
सी सी करते फ़िरोगे जी जी
सी सी करते फ़िरोगे जी
लग गयी तो मुश्किल होगी
हो लऊंगी मिर्ची मै कोल्हापुर की
दाह जी वाह
लग गयी तो मुश्किल होगी