Lagan Lagi Hai Sajan Milan Ki
लगन लगी है सजन मिलन की
लगन लगी है सजन मिलन की
बढ़ती जाए लय धड़कन की
लगन लगी है
बीत गयी है रैन बिरह की
आई मिलन की भोर
छाया से पग पड़त है आगे
चली बलम की ओर
प्यासी अंखिया थी दर्शन की
प्यासी अंखिया थी दर्शन की
लगन लगी है
आज सखी री तेरे मन मे
अरमानो का राज़
क्या क्या सपने देख रही हो
कहे तो आवे लाज
होगी पूरी बात सपन की
लगन लगी है सजन मिलन की
लगन लगी है