Khile Hai Sakhi Aaj Phoolwa
खिले हैं सखी आज फूलवा मन में
खिले हैं सखी आज फूलवा मन में
जाउंगी ससुराल दुल्हन बन के
जाउंगी ससुराल दुल्हन बन के
खिले हैं सखी आज फूलवा मन में
खिले हैं सखी आज फूलवा मन में
बाजेगी मोरे घर शहनाई
बाजेगी मोरे घर शहनाई
लाएँगे दूल्हा मोरी कन्हाई
लाएँगे दूल्हा मोरी कन्हाई
झहोमेगा मनवा रोएंगी अँखियाँ
लगेगी अपनी ही दुनिया पराई
आएँगे मोहे याद दिन बचपन के
आएँगे मोहे याद दिन बचपन के
जाउंगी ससुराल दुल्हन बन के
जाउंगी ससुराल दुल्हन बन के
खिले हैं सखी आज फुलवा मन में
खिले हैं सखी आज फुलवा मन में
खोलेंगे घुंघटा जब साँवरिया
खोलेंगे घुंघटा जब साँवरिया
मारूंगी ऐसी ज़ुल्मी नज़रिया
मारूंगी ऐसी ज़ुल्मी नज़रिया
आहें भरेंगे
पैयाँ पड़ेंगे
बिंती करेंगे वो सारी उमारिया
करूँगी पी से बात मैं तन तन के
करूँगी पीसे बात मैं तन तन के
जाउंगी ससुराल दुल्हन बन के
जाउंगी ससुराल दुल्हन बन के
खिले हैं सखी आज फूलवा मन में
खिले हैं सखी आज फूलवा मन में