Khamosh Hai Khewanhaar Mera
ख़ामोश है खेवनहार मेरा
नैय्या मेरी डूबी जाती है
ख़ामोश है खेवनहार मेरा
ख़ामोश है खेवनहार मेरा
नैय्या मेरी डूबी जाती है
नैय्या मेरी डूबी जाती है
ज़िंदा हूँ मगर अब जीने की
उम्मीद भी टूटी जाती है
ख़ामोश है खेवनहार मेरा
साहिल की तमन्ना थी मुझ को
मंझधार में बेड़ा जा पहुँचा
जीने की दुवाएँ क्या माँगू
पानी तो गले तक आ पहुँचा
दिल ढूँढ रहा है दुनिया को
दुनिया है की छूटी जाती है
नैय्या मेरी डूबी जाती है
ख़ामोश है खेवनहार मेरा
ग़म अपना ज़बाँ तक ला न सकूँ
संसार को मुँह दिखला न सकूँ
घुटता है जो दम, रुकते हैं क़दम
बढते हैं क़दम, रुकते हैं क़दम
घुटता है जो दम, रुकते हैं क़दम
मंज़िल की तरफ़ भी जा न सकूँ
भटका हुआ राही जान के अब तक़दीर भी रूठी जाती है
नैय्या मेरी डूबी जाती है
ख़ामोश है खेवनहार मेरा
चरनों में है तेरे लाज मेरी
सुन आज ज़रा फ़रियाद मेरी
तू दूर नहीं, मजबूर नहीं
नगरी है मगर बरबाद मेरी
क्या यूँ ही गरीबों की दुनिया संसार में लूटी जाती है
ज़िंदा हूँ मगर अब जीने की
उम्मीद भी टूटी जाती है
ख़ामोश है खेवनहार मेरा