Kashmir Ki Kali Hoon Main

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

कश्मीर की कली हूँ में
मुझसे न रूठो बाबुजी
मुरझा गई तो फिर ना मिलूंगी
कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं

अरे कश्मीर की कली हूँ में
मुझसे न रूठो बाबुजी
मुरझा गई तो फिर न खिलूँगी
कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं

रंगत मेरी बहरो में
दिल की आग चनारो में
रंगत मेरी बहरो में
दिल की आग चनारो में
कुछ तो हम से बात करो
इन बेहकी गुलज़ारो में
कुछ तो हम से बात करो
इन बेहकी गुलज़ारो में
कश्मीर की कली हूँ में
मुझसे न रूठो बाबुजी
मुरझा गई तो फिर न खिलूँगी
कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं

अरे कश्मीर की कली हूँ में
मुझसे न रूठो बाबुजी
मुरझा गई तो फिर न खिलूँगी
कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं

प्यार पे गुस्सा करते हो
तेरा गुस्सा हम को प्यारा है
प्यार पे गुस्सा करते हो
तेरा गुस्सा हम को प्यार है
एहि अदा को कातिल है
जिसने हमको मारा है
एहि अदा को कातिल है
जिसने हमको मारा है
कश्मीर की कली हूँ में
मुझसे न रूठो बाबुजी
मुरझा गई तो फिर न खिलूँगी
कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं

अरे कश्मीर की कली हूँ में
मुझसे न रूठो बाबुजी
मुरझा गई तो फिर न खिलूँगी
कभी नहीं कभी नहीं कभी नहीं.

Curiosità sulla canzone Kashmir Ki Kali Hoon Main di Lata Mangeshkar

Chi ha composto la canzone “Kashmir Ki Kali Hoon Main” di di Lata Mangeshkar?
La canzone “Kashmir Ki Kali Hoon Main” di di Lata Mangeshkar è stata composta da Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

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