Kabhi Khamosh Rahte Hain

CHITALKAR RAMCHANDRA, RAJINDER KRISHAN

कभी खामोश रहते हैं
कभी हम आह भरते हैं
किसी के वास्ते क्या क्या सितम
इस दिल पे करते हैं

जो वह नजरों में नजरें
डाल कर खुद हमसे यह पूछे
तोह दिल पे हाथ रख कर
हम भी कह दे
क्या
तुम पे मरते हैं
वाह वाह सुभान अल्लाह
पी के दरस को तरस रही अंखिया
पी के दरस को तरस रही अंखिया
तरस रही अंखिया बरस रही अंखिया
तरस रही अंखिया बरस रही अंखिया
पी के दरस को तरस रही अंखिया

आ आ आ आ
ना समझा है ना समझेगा
जमाना दास्तां मेरी
मेरी खामोशिया हि
आजकाल हे राजदा मेरी
कोई कदमो में उनके जा के
रख आये मेरे दिल को
के उनके सामने खुलती
नहीं जालिम जबान मेरी
पी के दरस को तरस रही अंखिया
पी के दरस को तरस रही अंखिया
तरस रही अंखिया बरस रही अंखिया
तरस रही अंखिया बरस रही अंखिया
पी के दरस को तरस रही अंखिया

किसी का हो के भी उससे
जुड़ा रहना ही पड़ता है
मोहब्बत ने दिया जो ग़म वह
ग़म सहना ही पड़ता है आ आ आ
कहा तक दर्द-इ-दिल कोई
छुपाए अपने सीने में
तड़प उठता है जब यह दिल
तोह फिर कहना ही पड़ता है
क्या
पी के दरस को तरस रही अंखिया
पी के दरस को तरस रही अंखिया
तरस रही अंखिया बरस रही अंखिया
तरस रही अंखिया बरस रही अंखिया
पी के दरस को तरस रही अंखिया
पी के दरस को तरस रही अंखिया

Curiosità sulla canzone Kabhi Khamosh Rahte Hain di Lata Mangeshkar

Chi ha composto la canzone “Kabhi Khamosh Rahte Hain” di di Lata Mangeshkar?
La canzone “Kabhi Khamosh Rahte Hain” di di Lata Mangeshkar è stata composta da CHITALKAR RAMCHANDRA, RAJINDER KRISHAN.

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